Jio Coin: रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) की डिजिटल शाखा, जियो प्लेटफॉर्म्स ने अपने मौजूदा एप्लिकेशंस और सेवाओं को वेब क्षमताओं से सशक्त बनाने के लिए ब्लॉकचेन कंपनी पॉलीगॉन लैब्स के साथ साझेदारी की है. इस साझेदारी का उद्देश्य जियो के 450 मिलियन से अधिक ग्राहकों को पॉलीगॉन के ब्लॉकचेन समाधानों का लाभ पहुंचाना है.
Polygon के साथ साझेदारी का महत्व-Jio Coin
पॉलीगॉन लैब्स के भुगतान के वैश्विक प्रमुख ऐश्वर्या गुप्ता ने कहा कि यह साझेदारी रिलायंस को पॉलीगॉन के बुनियादी ढांचे का लाभ उठाने की अनुमति देती है, जिससे वे अपने उपयोगकर्ताओं को वेब3 तकनीक का उपयोग करने में सक्षम बना सकते हैं. इस साझेदारी का उद्देश्य उन एप्लिकेशनों का निर्माण करना है जो पॉलीगॉन के बैकएंड पर चलें, जिससे उपयोगकर्ता नई तकनीकों का फायदा उठा सकें.
पॉलीगॉन का विकास और वेब3 का भविष्य
2017 में Matic Network के रूप में स्थापित, पॉलीगॉन को 2021 में Polygon के नाम से रीब्रांड किया गया था. कंपनी ने 2022 में एक फंडिंग राउंड के दौरान अपने मूल MATIC टोकन की निजी बिक्री से लगभग $450 मिलियन जुटाए. वेब3 इंटरनेट की अगली पीढ़ी को संदर्भित करता है, जो ब्लॉकचेन-आधारित उपयोग के मामलों जैसे क्रिप्टोकरेंसी, NFT और विकेंद्रीकृत वित्त को बढ़ावा देता है. यह विकेंद्रीकृत स्वभाव के कारण उपयोगकर्ताओं को अधिक नियंत्रण प्रदान करता है.
ब्लॉकचेन तकनीक का भविष्य
हालांकि, गुप्ता ने गोपनीयता के कारण वेब3 उत्पादों के बारे में अधिक जानकारी साझा नहीं की, लेकिन उन्होंने बताया कि यह साझेदारी क्रिप्टोकरेंसी और वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) से आगे ब्लॉकचेन तकनीक के अन्य उपयोग क्षेत्रों पर भी ध्यान केंद्रित करेगी. गुप्ता के अनुसार, “एआई और क्रिप्टो के मिलकर नए एजेंटिक फ्रेमवर्क बनाने की संभावना है, जिसमें ब्लॉकचेन पर आधारित समुदाय और भुगतान जैसी सेवाओं का विकास किया जा सकता है.”
क्रिप्टो पर नियामकीय स्थिति क्या है?
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर कड़े नियम हैं। सरकार इसे वैध नहीं मानती है। क्रिप्टोकरेंसी से हुए लाभ पर संबंधित को 30% कर चुकाना होता है। इसके साथ ही स्रोत पर 1% टीडीएस भी देना होता है। खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी इस पर सरकार का रुख साफ कर चुकी हैं।
सोशल मीडिया पर क्या दावा किया जा रहा? (Jio Coin)
Jio Coin: सोशल मीडिया पर जारी अटकलों के अनुसार, जियो कॉइन को जियो स्फेयर के जरिए इंटरनेट ब्राउज करने वाले यूजर्स के लिए डिजाइन किया गया है। यह जियो के साथ जुड़ा है। जियोकॉइन की शुरुआत जियो के ब्लॉकचेन और वेब3 पेशकशों को बढ़ावा देने के लिए पॉलिगॉन लैब्स के साथ सहयोग के बाद हुई है।
कंपनी का इन दावों पर क्या रुख है?
इतना बड़ी लॉन्चिंग से पहले कंपनी की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई। इस वजह से हमने कंपनी से जुड़े सूत्रों से संपर्क किया। जह हमने उनसे यह सवाल पूछा कि क्या जियो की ओर से जियो कॉइन लॉन्च किया गया तो सूत्र ने कहा कि यह खबर पूरी तरह से गलत है।