V Narayanan: केंद्र सरकार की ओर से जारी सूचना के अनुसार, डॉ. वी नारायणन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के नए अध्यक्ष का पदभार संभालेंगे। फिलहाल, वे इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (एलपीएससी) के डायरेक्टर हैं। रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट प्रपल्शन के फील्ड में लगभग चार दशकों का अनुभव रखने वाले नारायणन ने साल 1984 में इसरो ज्वाइन किया था। आईआईटी खड़गपुर से मास्टर और पीएचडी की डिग्री लेने वाले डॉ. नारायणन ने ISRO के कई अहम मिशनों में भूमिका निभाई है।
गांव में हुआ था जन्म –V Narayanan
डॉ. वी नारायणन का जन्म कन्याकुमारी जिले में नागरकोइल के पास Melakattu गांव में हुआ था। डॉ. नारायणन ने अपनी शुरुआती एजुकेशन अपने गांव में ही पूरी की है। डिप्लोमा इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग (DME) में फर्स्ट रैंक हासिल की थी।
आईआईटी खड़गपुर से Cryogenic इंजीनियरिंग में एमटेक की डिग्री साल 1989 में हासिल की थी। इस दौरान शानदार प्रदर्शन करते हुए सिल्वर मेडल हासिल किया था। इनोवेशनके प्रति उनके जुनून ने, उन्हें एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी करने के लिए प्रेरित किया। साल 2001 में उन्होंने यह डिग्री पूरी की थी।
इंजीनियरिंग में हासिल की पीएचडी की डिग्री (V Narayanan)
डॉ. नारायणन का जन्म तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले में नागरकोइल के पास मेलाकट्टू गांव में हुआ था।
डॉ. वी. नारायणन ने अपनी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा अपने गृहनगर में ही पूरी की। उन्होंने डिप्लोमा इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग (डीएमई) में प्रथम रैंक हासिल की। इसके अतिरिक्त, उन्होंने इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (एएमआईई) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एसोसिएट सदस्यता प्राप्त की।
उन्होंने क्रायोजेनिक इंजीनियरिंग में मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी (एम.टेक) करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर में प्रवेश लिया। उन्होंने अपनी एम.टेक डिग्री में असाधारण प्रदर्शन किया, स्नातक स्तर पर रजत पदक और प्रथम रैंक अर्जित की। क्षेत्र में अपनी दक्षता को और अधिक प्रदर्शित करने के लिए, डॉ. नारायणन ने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी भी की है।
प्राइवेट सेक्टर में काम कर चुके हैं डॉ. नारायणन
मैकेनिकल इंजीनियरिंग (डीएमई) में डिप्लोमा हासिल करने के बाद, डॉ. वी. नारायणन ने रिपोर्ट के मुताबिक, प्राइवेट सेक्टर में काम करना शुरू कर दिया था। उन्होंने टीआई डायमंड चेन लिमिटेड, मद्रास रबर फैक्ट्री और भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) सहित अन्य में लगभग डेढ़ साल काम किया था।
साल 2018 में बने LPSC के डायरेक्टर
V Narayanan: साल 1984 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में शामिल हुए और यहां उन्होंने कई पदों पर कार्य किया है। इसके बाद, साल जनवरी 2018 में, उन्हें लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (LPSC) का निदेशक नियुक्त किया गया है। इसरो में करियर की शुरुआत दिनों में उन्होंने Augmented सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (ASLV) और रोहिणी साउंडिंग रॉकेट के लिए सॉलिड प्रोपल्शन सिस्टम बनाने में हेल्प की थी।(sours – Jagran)