भारत सरकार ने आज पद्म पुरस्कार 2025 की घोषणा की। राष्ट्रपति ने 139 पद्म पुरस्कारों को मंजूरी दी है। इनमें एक जोड़ी भी शामिल है। इस सूची में 7 पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं। पुरस्कार पाने वालों में 23 महिलाएं हैं। इस सूची में 10 विदेशी और 13 मरणोपरांत पुरस्कार पाने वाले भी शामिल हैं।
पद्म पुरस्कार के बारे में जानिए
यह देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक है। ये पुरस्कार पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री तीन श्रेणियों में दिए जाते हैं। ये पुरस्कार कला, समाज सेवा, लोक कार्य, विज्ञान और इंजीनियरिंग, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल, सिविल सेवा आदि विभिन्न क्षेत्रों में दिए जाते हैं। ‘पद्म विभूषण’ असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए, ‘पद्म भूषण’ उच्च कोटि की विशिष्ट सेवा के लिए और ‘पद्म श्री’ किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है। इन पुरस्कारों की घोषणा हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है।
पद्म विभूषण लिस्ट
1. श्री दुव्वूर नागेश्वर रेड्डी (चिकित्सा, तेलंगाना)
2. न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) श्री जगदीश सिंह खेहर (लोक कार्य, चंडीगढ़)
3. श्रीमती कुमुदिनी रजनीकांत लाखिया (कला, गुजरात)
4. श्री लक्ष्मीनारायण सुब्रमण्यम (कला, कर्नाटक)
5. श्री एम. टी. वासुदेवन नायर (मरणोपरांत) (साहित्य और शिक्षा, केरल)
6. श्री ओसामु सुजुकी (मरणोपरांत) (व्यापार और उद्योग, जापान)
7. श्रीमती शारदा सिन्हा (मरणोपरांत) (कला, बिहार)
पद्म भूषण लिस्ट
1. श्री ए सूर्य प्रकाश (साहित्य और शिक्षा-पत्रकारिता, कर्नाटक)
2. श्री अनंत नाग (कला, कर्नाटक)
3. श्री बिबेक देबरॉय (मरणोपरांत) (साहित्य और शिक्षा, NCT दिल्ली)
4. श्री जतिन गोस्वामी (कला, असम)
5. श्री जोस चाको पेरियापुरम (चिकित्सा, केरल)
6. श्री कैलाश नाथ दीक्षित (अन्य-पुरातत्व, NCT दिल्ली)
7. श्री मनोहर जोशी (मरणोपरांत) (लोक कार्य, महाराष्ट्र)
8. श्री नल्ली कुप्पुस्वामी चेट्टी (व्यापार और उद्योग, तमिलनाडु)
9. श्री नंदमुरी बालकृष्ण (कला, आंध्र प्रदेश)
10. श्री पी आर श्रीजेश (खेल, केरल)
11. श्री पंकज पटेल (व्यापार और उद्योग, गुजरात)
12. श्री पंकज उधास (मरणोपरांत) (कला, महाराष्ट्र)
13. श्री रामबहादुर राय (साहित्य और शिक्षा-पत्रकारिता, उत्तर प्रदेश)
14. साध्वी ऋतंभरा (समाज सेवा, उत्तर प्रदेश)
15. श्री एस अजित कुमार (कला, तमिलनाडु)
16. श्री शेखर कपूर (कला, महाराष्ट्र)
17. सुश्री शोभना चंद्रकुमार (कला, तमिलनाडु)
18. श्री सुशील कुमार मोदी (मरणोपरांत) (लोक कार्य, बिहार)
19. श्री विनोद धाम (विज्ञान और इंजीनियरिंग, संयुक्त राज्य अमेरिका)
गुमनाम हीरो के बारे में जानें
- दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा भटला को पद्म श्री मिला है। नीरजा का गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का पता लगाने, उसकी रोकथाम और प्रबंधन पर विशेष योगदान है।
- भोजपुर के सामाजिक कार्यकर्ता भीम सिंह भावेश को पद्म श्री मिला है। वे पिछले 22 वर्षों से अपनी संस्था ‘नई आशा’ के माध्यम से समाज के सबसे हाशिए पर पड़े समूहों में से एक मुसहर समुदाय के उत्थान में जुटे हैं।
- थाविल वादक पी दत्ताचनमूर्ति को पद्म श्री मिला है। वे दक्षिण भारतीय संगीत और संस्कृति से जुड़े शास्त्रीय ताल वाद्य यंत्र थाविल के वादक हैं। दत्ताचनमूर्ति के पास पांच दशक का विशाल अनुभव है।
- नगालैंड के किसान एल. हैंगथिंग को पद्म श्री से सम्मानित किया गया है। हैंगथिंग नोकलाक के रहने वाले हैं। हैंगथिंग को गैर-देसी फलों की खेती में 30 से अधिक वर्षों का अनुभव है।
- गोवा के स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाली लीबिया लोबो सरदेसाई को भी पद्म श्री मिला है। उन्होंने 1955 में पुर्तगाली शासन के खिलाफ लोगों को एकजुट करने के लिए एक भूमिगत रेडियो स्टेशन ‘वोज दा लिबरडेबे (स्वतंत्रता की आवाज)’ की सह-स्थापना की थी।
- पुरस्कार पाने वाले पश्चिम बंगाल के 57 वर्षीय ढाक वादक गोकुल चंद्र डे ने पुरुष प्रधान समाज में 150 महिलाओं को प्रशिक्षित करके लैंगिक रूढ़िवादिता को तोड़ा। डे ने पारंपरिक वाद्य यंत्र से 1.5 किलोग्राम हल्का ढाक भी बनाया। वे विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। खास बात यह है कि डे पंडित रविशंकर और उस्ताद जाकिर हुसैन के साथ अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं।
- महिला सशक्तिकरण की मुखर समर्थक 82 वर्षीय सैली होलकर ने लुफ्त होने वाली माहेश्वरी शिल्प को जिंदा किया। इतना ही नहीं, उन्होंने मध्य प्रदेश के महेश्वर में हथकरघा विद्यालय की स्थापना भी की। सैली का जन्म अमेरिका में हुआ है। मगर उन्होंने रानी अहिल्याबाई होलकर की विरासत से प्रेरित होकर 300 साल पुरानी बुनाई विरासत को पुनर्जीवित करने के लिए अपने जीवन के पांच दशक खपा दिए।
- पिछले साल पेरिस पैरालंपिक में देश को पहला स्वर्ण पदक दिलाने वाले तीरंदाज हरविंदर सिंह को भी पद्मश्री मिलेगा। हरविंदर हरियाणा के कैथल जिले रहने वाले हैं। उन्होंने फाइनल मैच में पोलैंड के लुकास सिसजेक को 6-0 से हराया था। टोक्यो पैरालिंपिक 2020 में हरविंदर सिंह ने कांस्य पदक जीता था।
पहले क्या थे पुरस्कारों के नाम
- 1954 में जब भारत रत्न के साथ पद्म पुरस्कारों की शुरुआत हुई, तब सिर्फ पद्म विभूषण नाम अस्तित्व में आया था। पद्मश्री और पद्म भूषण नहीं।
- पद्म विभूषण के अंतर्गत ही पहला वर्ग, दूसरा वर्ग और तीसरा वर्ग के नाम से विजेताओं को सम्मान दिया जाता था।
- हालांकि ये नामकरण सिर्फ एक साल ही चलन में रहा। फिर 8 जनवरी 1955 को राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी अधिसूचना में इन पुरस्कारों को पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण नाम दिया गया।
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