UCC: उत्तराखंड में आज से समान नागरिक संहिता यानी UCC लागू हो जाएगी. इसी के साथ उत्तराखंड आजादी के बाद देश में UCC लागू करने वाला पहला राज्य बन जाएगा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज दोपहर साढ़े 12 बजे UCC पोर्टल को भी लॉन्च करेंगे. इससे पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि UCC लागू होने से यह सुनिश्चित होगा कि राज्य में लिंग, जाति, धर्म के आधार पर कोई भेदभाव ना हो. सीएम धामी ने कहा कि हमने राज्य के लोगों से चुनाव से पहले किया वादा निभाया है. UCC लागू करने के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. उनका कहना है कि इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. एक समृद्ध समाज का निर्माण हो, जिसमें लिंग, जाति, वर्ग या धर्म के आधार पर कोई भेदभाव न हो. यह कानून हमारा संकल्प था. उत्तराखंड की जनता से हमारा वादा था और पीएम मोदी के नेतृत्व में हम उस वादे को पूरी तरह लागू करके पूरा कर रहे हैं.
क्या है समान नागरिक संहिता (UCC)?
UCC का मतलब है कि राज्य में सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, गोद लेने, संपत्ति के बंटवारे और अन्य सिविल मामलों के लिए एक समान कानून लागू होगा. इसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों और समुदायों के लिए अलग-अलग पर्सनल लॉ की जगह एक समान प्रणाली स्थापित करना है. इसके तहत शादी और लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल्स को भी रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा.

एक नई शुरुआत
UCC लागू करने का उत्तराखंड सरकार का निर्णय, राज्य के विकास और सामाजिक समानता की दिशा में एक बड़ा कदम है. यह न केवल राज्य के नागरिकों को समान अधिकार देगा, बल्कि भारत में एक समान और समरस समाज की नींव भी मजबूत करेगा.
गोवा के बाद उत्तराखंड बनेगा पहला राज्य
भले ही गोवा में पहले से ही UCC लागू है, लेकिन वहां इसे पुर्तगाली सिविल कोड के तहत लागू किया गया था. उत्तराखंड आजादी के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य होगा. मुख्यमंत्री ने इसे राज्य के लिए गर्व और समाज के लिए एक नई दिशा बताया.
उत्तराखंड में UCC लागू होने से क्या कुछ बदल जाएगा…
-एक समय में एक ही शादी मान्य होगी.
-पति-पत्नी दोनों को तलाक का समान अधिकार होगा.
-बेटियों को बेटों के बराबर संपत्ति में हक मिलेगा.
-लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाई जाएगी.
-रजिस्टर कराए बिना शादी मान्य नहीं होगी.
-लिव इन रिलेशन के लिए भी रजिस्ट्रेन जरूरी.
-बच्चे गोद लेने की प्रक्रिया आसान होगी.
आखिर यूसीसी लागू करने से पहले कितनी तैयारी की गई?
आज से लागू हो रहे यूनिफॉर्म सिविल कोड को तैयार करने के लिए एक्सपर्ट कमिटी ने 43 स्टेकहोल्डर के साथ बैठकें कीं. कुल 72 बैठकों के जरिए ड्राफ्ट पर मंथन हुआ. कमेटी को 49 लाख SMS से सुझाव मिले और 29 लाख WhatsApp मैसेज मिले.
-2.33 लाख नागरिकों के सुझाव.
-61 हजार सुझाव पोर्टल पर मिले.
-36 हजार सुझाव डाक से मिले.
-1.20 लाख सुझाव निजी तौर पर सौंपे गए.
-24 हजार सुझाव ई-मेल से मिले.
उत्तराखंड में UCC की टाइमलाइन
– 27 मई 2022: सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अगुवाई में एक्सपर्ट कमिटी का गठन.
– 2 फरवरी 2024: कमिटी ने रिपोर्ट सौंपी.
– 7 फरवरी 2024: विधानसभा में UCC बिल पास.
– 12 मार्च 2024:बिल पर राष्ट्रपति की मुहर.
– 20 जनवरी 2025: नियमावली को कैबिनेट की मंजूरी.
UCC लागू होते ही उत्तराखंड में क्या-क्या बदला है…
-शादी का रजिस्ट्रेशन जरूरी
-तलाक का एक समान कानून
-हलाला और बहुविवाह पर रोक
-लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल
-सभी धर्मों में बच्चों को गोद लेने का अधिकार
-उत्तराधिकार में लड़कियों को बराबर हिस्सा
-लिव-इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन जरूरी
-लिव-इन रिलेशन से पैदा बच्चे को अधिकार
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