FIITJEE News: FIITJEE कोचिंग सेंटर के बंद होने से उत्तर प्रदेश, दिल्ली और बिहार के छाछात्र टेंशन में आए हुए हैं क्योंकि NEET, JEE और बोर्ड की परीक्षा आने वाली है और इस टाइम पर कोचिंग भी बंद हो गया है। पिछले हफ्ते उत्तर भारत के कई शहरों में FIITJEE कोचिंग सेंटर बंद हो गए, जिनमें नोएडा, गाजियाबाद, भोपाल, वाराणसी, दिल्ली और पटना शामिल हैं।
यह समस्या तब हुई जब कई शिक्षकों को वेतन नहीं मिलने पर इस्तीफा देना पड़ा। अचानक कोचिंग सेंटर बंद होने से छात्रों और उनके अभिभावकों में काफी तनाव फैल गया क्योंकि उन्हें पहले से कोई सूचना नहीं दी गई थी और अब वे फीस वापस मिलने को लेकर भी अपनी चिंता व्यक्त कर रहे हैं।
गुरुवार को गाजियाबाद, दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा मैं छात्रों पैरंट्स सेक्टर-58 थाने में पहुंचे और प्रदर्शन किया। अभिभावकों ने दी हुई फीस वापस कराने की मांग की। इसके बाद थाने की पुलिस तत्काल कोचिंग सेंटर पर पहुंची और टीचर्स को पकड़कर थाने लेकर आई। थाने में करीब दो घंटे तक पैरंट्स और टीचर्स के बीच बातचीत हुई। यहां बच्चों को एक अन्य कोचिंग संस्थान में शिफ्ट करने की जानकारी दी गई। लेकिन अभिभावक फीस वापसी की मांग पर अड़े रहे। लोगों ने आरोप लगाया कि कोचिंग सेंटर 200 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर फरार हो गया है।
‘झटका वाला’ ई-मेल
जानकारी के अनुसार, बुधवार को फिट्जी कोचिंग सेंटर से एक मेल स्टूडेंट्स और उनके पैरंट्स को भेजा गया। इसमें लिखा था कि अब यह संस्थान किसी दूसरे कोचिंग सेंटर में मर्ज हो गया है और आपका बच्चा उसमें आसानी से अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख सकता है। इस मेल से अभिभावक सदमे में आ गए। तुरंत ही कोचिंग सेंटर पर पहुंचे, लेकिन तब तक वहां पर ताले लटक चुके थे।बुधवार शाम करीब 150 से अधिक परिजनों ने कोचिंग संचालक के खिलाफ नारेबाजी की और फीस के रुपये वापस करने की मांग की। इसके बाद गुरुवार को फिर से अभिभावकों ने सेक्टर 58 थाने में पहुंच कर शिकायत दी। लेकिन तुरंत केस दर्ज नहीं हुआ।
अभिभावक कर रहे हैं ये मांग
नोएडा के एक अन्य अभिभावक राजीव कुमार चौधरी ने कहा, “हम आज FIITJEE के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा रहे हैं। हमने पांच साल के कार्यक्रम के लिए 100% फीस का भुगतान किया था, जिसमें अभी दो साल बाकी हैं। सोमवार को हमें FIITJEE से एक संदेश मिला, जिसमें यह सुझाव दिया गया था कि हम अपने बच्चों को आकाश इंस्टीट्यूट में ट्रांसफर कर लें। अब हम खुद तय करेंगे कि अपने बच्चे को आगे की कोचिंग के लिए कहां भेजना है, यह FIITJEE नहीं तय करेगा।”
एग्जाम के समय बंद हुए कोचिंग सेंटर्स
बता दें कि कोचिंग IIT JEE कोचिंग सेंटर ऐसे समय में बंद हुए हैं, जब बोर्ड परीक्षाएं, नीट, जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाएं आने वाली हैं। अचानक से कोचिंग सेंटर बंद होने की सूचना बच्चों के लिए चिंता का विषय बन गई है। पैरंट्स बच्चों के लिए दूसरे संस्थान में पढ़ाई की व्यवस्था कराने में सक्षम नहीं हैं।
क्यों बंद हुएं कोचिंग सेंटर्स
बता दें कि 1992 में आईआईटी दिल्ली से पास आउट डीके गोयल द्वारा स्थापित FIITJEE, JEE और NEET प्रवेश परीक्षाओं की कोचिंग के लिए एक फेसम नाम है। कोचिंग के देश के 41 शहरों में 72 सेंटर्स हैं और इसमें 300 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। कई FIITJEE सेंटर्स के अचानक बंद होने से माता-पिता और छात्र बीत मझधार में फंस गए हैं। FIITJEE के प्रबंधन ने अभी तक बंद होने के बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है या यह नहीं बताया है कि वे फीस वापसी के मुद्दे को कैसे सुलझाएंगे और चल रही चिंताओं को कैसे हल करना चाहते हैं।
अभिभावकों का दर्द
गाजियाबाद के एक अभिभावक पवन आनंद कहते हैं, ‘मेरी बेटी 11 वीं कक्षा में पढ़ रही है। बेहतर करियर के लिए इस कोचिंग सेंटर में दाखिला दिलाया था। अचानक एक मेल आता है और बच्चे को दूसरे कोचिंग सेंटर में पढ़ने की बात कही जाती है। यह ठीक नहीं है। बच्चों के भविष्य की बात है। इस सरकार और पुलिस प्रशासन कार्रवाई करे। मैंने चार लाख रुपये इस संस्थान में फीस के तौर पर जमा किए हैं।’
नोएडा सेक्टर 78 के राकेश कुमार ने कहा, ‘मेरा बेटा पढ़ने में होनहार है। उसके दोस्त भी इसी कोचिंग सेंटर में पढ़ाई करते हैं। बेटे के कहने पर उसका एडमिशन 3.58 लाख रुपये देकर करवाया था। बहुत बड़ी नौकरी भी नहीं करता हूं। किसी तरह मैनेज करके फीस जमा कराई थी। अब ऐसी सूचना सुनकर सदमा लगा है।’
200 करोड़ का फ्रॉड (नवभारत टाइम्स के अनुसार )
छात्रों और अभिभावकों का कहना है कि FIITJEE में एडमिशन के लिए बड़ी रकम चुकाई थी। किसी ने 50, 80 तो किसी ने 100 फीसदी फीस एडवांस में जमा कर दी थी। नोएडा एनसीआर क्षेत्र में हजारों छात्र फिटजी से तैयारी कर रहे थे। जबकि देशभर में लाखों छात्र इस संस्थान पर निर्भर थे। बताया जा रहा है कि संस्थान के इस कदम से छात्रों और अभिभावकों से लगभग 200 करोड़ रुपये का फ्रॉड हुआ है।अभिभावकों का आरोप है कि फिटजी के डायरेक्टर के खिलाफ इस बड़ी धोखाधड़ी के मामले में पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है। कुछ दिन पहले इस संस्थान का एक सेंटर जो गाजियाबाद में चल रहा था, वह भी बंद हो गया है। इसी मामले में कई अभिभावकों ने बताया कि थाने में एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की गई, लेकिन पुलिस केवल आश्वासन दे रही है।
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